एम्ब्र्यो फ्रीजिंग एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक भ्रूण (शुक्राणुओं द्वारा फर्टिलाइजड अंडे) को एक प्रयोगशाला में तरल नाइट्रोजन में प्रीज़र्व (preserve) किया जाता है।
– अगर दम्पति बढ़ती उम्र में बच्चे को जन्म देने की योजना बना रहे हैं, तो वो भी इस प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं। – यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें भविष्य में शुक्राणु दाताओं या अंडा दाताओं की आवश्यकता नहीं है। – ऐसे मामलों में, जटिल प्रजनन उपचार के बिना गर्भावस्था सरल तरीके से हो सकती है।
साथी के शुक्राणु के साथ महिला मरीज़ के अंडों को फर्टिलाइज किया जाता है। इससे भ्रूण का निर्माण होता है। भ्रूण को 3-4 दिनों के लिए मैचयोर (mature) होने के लिए रखा जाता है। इसके बाद इसे फ्रीज़ किया जाता है।
- ब्लड टेस्ट्स स्क्रीनिंग करवाए | - ओवरियन रिजर्व टेस्टिंग करना जरूरी है | - फोल्लिकल स्टिमुलाटिंग हॉरमोन और एस्ट्राडियोल भी करवाया जाता है |
एम्ब्र्यो फ्रीजिंग के लाभ वहाँ मिलते हैं जहां आईवीएफ (IVF) विफल हो जाता है और अगर एक कपल को जीवन के बाद के वर्षों में बच्चे को जन्म देने की योजना होती है, तो एम्ब्र्यो फ्रीजिंग उनके लिए काफी लाभदायक साबित होती है।