घुटने में दर्द (Knee pain)

April 9, 2023by Mahima Aggarwal0
घुटने का दर्द क्या है ?

घुटने के जोड़ या उसके आसपास के किसी भी हिस्से में होने वाले दर्द को घुटने का दर्द कहा जाता है। यह एक आम समस्या है, जो बच्चों से बुजुर्गों तक किसी भी उम्र में हो सकती है। घुटने के दर्द के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक रोगों से लेकर चोट लगना आदि शामिल है। घुटने का जोड़ कई हड्डियों, कार्टिलेज, टेंडन और लिगामेंट आदि कई अलग-अलग प्रकार की संरचनाओं से मिलकर बना होता है। यदि इनमें से कोई भी हिस्सा प्रभावित होता है, तो उससे घुटने में दर्द होने लगता है। इतना ही नहीं घुटने के आसपास की संरचना में किसी प्रकार की क्षति या बीमारी होना भी घुटने के दर्द का कारण बन सकता है। इसके कुछ मामले गंभीर नहीं होते हैं और उनका घर पर ही इलाज हो जाता है, जबकि अन्य इतने गंभीर भी हो सकते हैं जिनका इलाज करने के लिए सर्जरी कराने की आवश्यकता पड़ सकती है। घुटना शरीर के प्रमुख जोड़ों में से एक है, जिस पर शरीर का वजन पड़ता है। घुटने में दर्द या अन्य किसी समस्या का इलाज जल्द से जल्द करना बेहद जरूरी होता है, इसे नजरअंदाज करने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।

 

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घुटने में दर्द के लक्षण

घुटने का दर्द स्वयं एक लक्षण होता है, हालांकि, इसके साथ कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जो आमतौर पर रोग की गंभीरता और उसके अंदरूनी कारणों पर निर्भर करते हैं। हालांकि, घुटने में दर्द के साथ आमतौर पर निम्न लक्षण देखे जाते हैं –

  • घुटने के आसपास सूजन आ जाना
  • घुटने को हिला-डुला न पाना
  • घुटने पर वजन न डाल पाना
  • आसपास लालिमा हो जाना
  • हिलाने पर घुटने से आवाज आना
  • सामान्य रूप से चल न पाना
  • घुटने के प्रभावित हिस्से को छूने पर दर्द होना (टेंडरनेस)

इसके साथ ही कुछ लोगों को घुटने के साथ-साथ टांगों के कुछ हिस्सों में भी दर्द होने लगता है, जिनमें प्रमुख रूप से जांघ व पिंडली आदि शामिल हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

घुटने का दर्द कई बार किसी गंभीर समस्या के लक्षण के रूप में विकसित होता है, इसलिए डॉक्टर से दिखाना बेहद आवश्यक है। इसलिए यदि आपको निम्न लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें –

  • गंभीर दर्द होना (या सामान्य पेन किलर काम न कर पाना)
  • घुटने में अधिक सूजन होना
  • टांग को पूरी तरह से सीधा या मोड़ न पाना
  • टांग या घुटने में किसी प्रकार की असामान्यता दिखाई देना (दोनों घुटनों या टांगों में अंतर दिखना)
  • घुटने में दर्द के साथ-साथ आसपास की त्वचा में लालिमा और तेज बुखार होना
  • किसी प्रकार की दुर्घटना के बाद घुटने में दर्द होना
  • घुटने के साथ अन्य जोड़ों में दर्द होना

 

घुटने में दर्द के कारण व जोखिम कारक

घुटने में दर्द के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं –

घुटने में चोट लगना

घुटने में मौजूद हड्डियों, लिगामेंट, कार्टिलेज और टेंडन आदि में क्षति के कारण भी दर्द हो सकता है, जिनमें निम्न शामिल हैं –

  • घुटने के टेंडन में सूजन या लालिमा होना
  • घुटने में अचानक से मोड़ या घुमाव आ जाना (मोच)
  • एसीएल में चोट लगना (Anterior cruciate ligament injury)
  • नी कैप डिसलोकेट हो जाना (घुटने की ऊपरी हड्डी अपनी जगह से हिल जाना)
  • खेल-कूद या एक्सरसाइज के दौरान घुटने में चोट लगना
  • ऊंची एड़ियों के सैंडल या जूते पहनना
  • घुटने के जोड़ का ज्यादा इस्तेमाल करना
  • बास्केटबॉल, वॉलीबॉल या कोई एक्सरसाइज करते समय बार-बार घुटने को मोड़ना
  • लंबी दूरी की दौड़ लगाने के कारण घुटने के आसपास की मांसपेशियों में सूजन आ जाना (आमतौर पर दौड़ के पहले दिन)
  • वेटलिफ्टिंग करना (जैसे डेडलिफ्ट एक्सरसाइज)

घुटने में दर्द का कारण बनने वाले रोग

निम्न कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जो घुटने में दर्द का कारण बन सकती हैं –

  • गठिया
  • गाउट
  • ल्यूपस

घुटने में दर्द के जोखिम कारक

निम्न कुछ कारक हैं, जो घुटने में दर्द होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं –

  • शरीर का वजन बढ़ जाना
  • संरचनात्मक असामान्यताएं जैसे फ्लैट फीट या एक टांग दूसरी से छोटी होना
  • मांसपेशियों की लचीलता में कमी आना
  • पहले कभी घुटने में गंभीर चोट लगी होना

 

घुटने में दर्द की रोकथाम

घुटने में दर्द कई बार अचानक से या किसी दुर्घटना के दौरान लगी चोट के कारण होता है और ऐसी स्थितियों में इसकी रोकथाम करना संभव नहीं होता है। हालांकि, कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है –

  • घुटने पर अधिक वजन न पड़ने दें – यदि आपके शरीर का वजन सामान्य से ज्यादा है, तो एक्सरसाइज, योग और संतुलित आहार की मदद से शरीर का वजन कम करने की कोशिश करें।
  • अधिक तंग जूते न पहनें – अधिक टाइट जूते पहनना भी घुटने में दर्द का कारण बन सकता है। हमेशा सही फिटिंग वाले और आरामदायक जूते पहनें।
  • वार्मअप कर लें – दौड़ या एक्सरसाइज करने से पहले वार्मअप कर लें, जिससे घुटनों को जोड़ों में अचानक आने वाली मोच व मरोड़ का खतरा कम हो जाता है।
  • पौष्टिक आहार का सेवन करें – हड्डियों को मजबूत रखना भी घुटने समेत अन्य जोड़ों में होने वाले दर्द के खतरे को कम कर सकता है। अपने आहार में कैल्शियम व पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जिससे हड्डियां मजबूत रहती हैं।

 

घुटने में दर्द का निदान

घुटने के दर्द का निदान डॉक्टर आसानी से कर लेते हैं, हालांकि, कई बार इसके अंदरूनी कारणों का पता लगाने में थोड़ी मुश्किल हो जाती है। डॉक्टर सबसे पहले घुटने को करीब से देखते हैं और इस दौरान सूजन व लालिमा का पता लगाते हैं। साथ ही आपको घुटने को मोड़ने व हिलाने को कहा जाता है, ताकि जोड़ में हुई जकड़न आदि का पता लगाया जा सके। इसके अलावा कुछ टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जो घुटने में दर्द के कारण का पता लगाने में मदद करते हैं –

  • ब्लड टेस्ट – जिसकी मदद से संक्रमण व एलर्जी आदि की जांच की जाती है।
  • एक्स रे – हड्डी में क्षति आदि का पता एक्स रे स्कैन की मदद से किया जा सकता है।
  • सीटी स्कैन – हड्डियों से संबंधित किसी रोग का पता सीटी स्कैन से लगाया जा सकता है।
  • अल्ट्रासाउंड – घुटने के आसपास की संरचना में हुई सूजन का पता अल्ट्रासाउंड की मदद से लगाया जा सकता है।
  • एमआरआई स्कैन – टेंडन, लिगामेंट या मांसपेशियों में हुई क्षति का पता लगाने के लिए एमआरआई किया जाता है।

 

घुटने में दर्द का इलाज

घुटने के दर्द का इलाज पूरी तरह से उसके अंदरूनी कारण और स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। हालांकि, निम्न कुछ प्रमुख उपचार विकल्प हैं, जिनकी मदद से घुटने में दर्द का इलाज किया जाता है –

  • दवाएं – घुटने के दर्द का इलाज करने के लिए दी जाने वाली दवाओं में प्रमुख रूप से पेन किलर, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं। हालांकि, ये दवाएं दर्द के कारण, गंभीरता और लक्षणों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं।
  • इंजेक्शन – दर्द, सूजन, लालिमा व संक्रमण का इलाज करने के लिए दवाओं की जगह इंजेक्शन भी दिए जा सकते हैं। विशेष रूप से यदि दर्द अत्यधिक है या फिर अधिक मोच आ गई है, तो दवाओं की जगह इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है।
  • टोपिकल – दर्द को कम करने और सूजन आदि को दूर करने के लिए कुछ क्रीम या मलम भी दी जा सकती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से कोर्टिकोस्टेरॉयड और एंटीबायोटिक दवाएं होती हैं।
  • सर्जरी – कुछ गंभीर मामलों में जब दवाएं, इंजेक्शन या अन्य कोई उपचार विकल्प काम न कर पाए तो घुटने को ऑपरेशन करना पड़ता है। इसके अलावा यदि किसी दुर्घटना के कारण घुटने की हड्डी या अन्य कोई संरचना डैमेज हो गई है और दवाओं से उसका इलाज नहीं किया जा सकता है, तो ऐसी स्थिति में भी सर्जरी ही करनी पड़ती है।

हालांकि, यदि घुटने का दर्द गंभीर नहीं है, तो इसका इलाज फिजियोथेरेपी, योग और एक्सरसाइज से भी किया जा सकता है। साथ ही अन्य दवाओं या उपचार विकल्पों के साथ भी इन्हें इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

 

घुटने में दर्द की जटिलताएं

घुटने में दर्द के कारण होने वाली जटिलताएं भी आमतौर पर दर्द की गंभीरता और स्थिति के अंदरूनी कारण पर निर्भर करती हैं। हालांकि, यदि घुटने का दर्द गंभीर नहीं है, तो यह निश्चित समय के बाद ठीक हो जाता है और इससे कोई जटिलता नहीं होती है। वहीं यदि यह गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस या अन्य किसी बीमारी के कारण हुआ है, तो आपको जीवनभर कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें निम्न शामिल हैं –

  • बार-बार घुटने की हड्डी में फ्रैक्चर आना
  • बार-बार दर्द होना
  • लंगड़ा कर चलना
  • घुटने में जकड़न रहना
  • सूजन या लालिमा रहना

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