Carpal Tunnel Syndrome: कार्पल टनल सिंड्रोम हाथ और कलाई में उत्पन्न होने वाला तड़पा देने वाला दर्द है। कार्पल टनल हड्डियों और कलाई की अन्य कोशिकाओं द्वारा बनाई गई एक संकरी नली होती है। यह नली हमारी मीडियन नर्व की सुरक्षा करती है। मीडियन नर्व हमारे अंगूठे, मध्य और अनामिका अंगुलियों से जुड़ी होती है।
कहां होता है यह दर्द
( Carpal Tunnel Syndrome )कार्पल टनल सिंड्रोम शुरुआत नॉर्मली होती है लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो हाथ और आगे भाग सुन्न हो जाना, झुनझुनी और दर्द का कारण बन सकती है। यह स्थिति तब होती है जब हाथ की प्रमुख नसों में से एक- माध्यिका तंत्रिका – कलाई के माध्यम से यात्रा करते समय संकुचित हो जाता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण
– आनुवंशिकी
– डायबिटीज
– थायराइड प्रॉब्लम
– हाई ब्लड प्रेशर
– कलाई में कोई चोट या फ्रैक्चर
– ऑटोइम्यून रोग, जैसे रुमेटाइड गठिया
– कलाई के अंदर बढ़ रहा ट्यूमर।
– मोटापा
– शराब का ज्यादा सेवन
– कीबोर्ड या माउस का बहुत ज्यादा इस्तेमाल
– टाइपिंग।
कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण
– हाथ के अंगूठे और उंगलियां सुन्न हो जाना, उनमें झनझनाहट व दर्द होना।
– उंगलियों के साथ कंधों और कोहनियों में भी दर्द का एहसास होना।
– चीज़ों को हाथ से पकड़ते समय प्रॉब्लम होना।
– किसी भारी चीज को उठा पाने में परेशानी।
– हाथ की मांसपेशियों में कमजोरी।
– एक या दोनों हाथों में समन्वय में समस्या।
– उंगलियों में जलन महसूस होना खासतौर से इंडेक्स व मिडिल फिंगर में। यही जलन धीरे-धीरे दर्द में बदलती है।
– नींद की समस्या
Carpal Tunnel Syndrome कार्पल टनल सिंड्रोम से बचाव में कारगर साबित हो सकते हैं ये टिप्स
– लगातार सीटिंग वाली जॉब है तो बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें। जिससे शरीर के हर एक मांसपेशियां अपना काम सही तरीके से कर सकें।
– कलाइयों का घूमना और हथेलियों व उंगलियों की एक्सरसाइज करें।
– हाथ के बल सोना अवॉयड करें।
-धीरे-धीरे अपने हाथों को स्ट्रेच करें
-अपनी पकड़ यानी ग्रिप को आराम दें
-समय-समय पर अपने हाथों का मसाज करें
-कीबोर्ड को कोहनी की ऊंचाई या उससे थोड़ा नीचे रखें
-समय-समय पर हाथों और कलाईयों को नीचे की तरफ झुकाएं
-काम के दौरान अपनी कलाई को लंबे समय तक ऊपर या नीचे झुकाने से बचाएं
-उस कंम्प्यूटर माउस का इस्तेमाल करें जिससे कलाई पर कम से कम या दबाव पड़ता है।
-हाथों को दबाकर या हाथों पर न सोएं, क्योंकि ऐसा करने से हाथ की नसों पर प्रेशर पड़ता है
-अपने पोस्चर में सुधार करें क्योंकि इससे आपके हाथ कलाई और उंगलियों पर असर पड़ता है।
-हाथों को गर्म रखें क्योंकि ठंडे वातावरण में हाथों में दर्द और जकड़न होने का खतरा अधिक होता है।
हाथ कलाई और उंगलियों का एक्सरसाइज करें, क्योंकि ऐसा नहीं करने से आपकी कलाई कठोर हो जाती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम की रोकथाम करने के लिए आपको एक हाथ से काम करने के बजाय अपने दोनों हाथों का बराबर इस्तेमाल करना चाहिए। अगर इन सबके बाद भी यह समस्या पैदा होती है तो दवाओं की मदद से इसका इलाज कर सकते हैं। अगर दवाओं से भी कोई फायदा न हो तो फिर आपको एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करने के बाद सर्जरी का चयन करना चाहिए।