लेप्रोस्कोप एक मेडिकल उपकरण है जिसका उपयोग लेप्रोस्कोपी सर्जरी के दौरान किया जाता है। लेप्रोस्कोप एक लंबा और पतली ट्यूब होती है जिसके एक हिस्से पर लाइट और कैमरा लगा होता है। इस उपकरण की मदद से डॉक्टर कंप्यूटर स्क्रीन पर पेट के आंतरिक हिस्सों को आसानी से साफ-साफ देख पाते हैं।
लेप्रोस्कोपी से कौन सी बीमारियों का निदान किया जा सकता है
लेप्रोस्कोपी से अनेको बीमारियों का निदान किया जा सकता है जैसे कि हर्निया, पित्ताशय की पथरी, लिवर कैंसर, फाइब्रॉइड्स, एंडोमेट्रियोसिस, बांझपन, पैंक्रियाज, ओवेरियन सिस्ट, पेट का ट्यूमर आदि। ओपन सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपी सर्जरी एक सुरक्षित और सफल प्रक्रिया है।
लेप्रोस्कोपी सर्जरी का इस्तेमाल क्यों किया जाता है
आमतौर पर लेप्रोस्कोपी का इस्तेमाल पेट या पेल्विक में दर्द की जांच और उसके कारण की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर जब बिना चीरा लगाए जांच की प्रक्रिया ठीक से नहीं कर पाते हैं तो लेप्रोस्कोपी का उपयोग किया जाता है।
लेप्रोस्कोपी का इस्तेमाल निम्न के लिए किया जा सकता है:-
- एंडोमेट्रियोसिस
- एक्टोपिक प्रेगनेंसी
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज
जब किसी महिला को गर्भधारण करने में कठिनाई होती हैं तो उसके कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर लेप्रोस्कोपी का इस्तेमाल करते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर कुछ स्थितियों की जांच करते हैं जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:-
- ओवेरियन सिस्ट
- यूटेराइन फाइब्रॉइड्स
लेप्रोस्कोपी सर्जरी का इस्तेमाल पेट या पेल्विक क्षेत्र में असामान्य उत्पत्ति जैसे कि ट्यूमर की जांच करने, कैंसर पेट के दूसरे हिस्सों में फैल रहा है या नहीं की पता लगाने और शरीर के अंदरूनी अंगों में चोट की जांच करने के लिए भी किया जाता है।
लेप्रोस्कोपी सर्जरी का इस्तेमाल शरीर के कुछ अंगों को शरीर से बाहर निकालने के लिए किया जाता है जिसमें शामिल हैं:-
- गर्भाशय
- स्प्लीन
- पित्ताशय
- अंडाशय
- अपेंडिक्स
- कोलोन (आंशिक रूप से)
लेप्रोस्कोपी का उपयोग शरीर के अन्य आंतरिक अंगों का परीक्षण करने के लिए किया जाता है जैसे कि:-
- हाइटल हर्निया
- इनगुइनल हर्निया
- पित्ताशय
- लिवर
- छोटी और बड़ी आंत
- पेल्विक या प्रजनन अंग
लेप्रोस्कोपी की मदद से बीमारी और उसके कारण का पता लगाने के बाद डॉक्टर इलाज की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।
लेप्रोस्कोपी सर्जरी के फायदे
लेप्रोस्कोपी एक संक्षिप्त, सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है जिसके दौरान मरीज को कम से कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेप्रोस्कोपी सर्जरी के निम्न फायदे हैं:-
- इसको एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है इसलिए मरीज को दर्द नहीं होता है
- सर्जरी के दौरान बहुत ही छोटा सा चीरा लगता है, इसलिए ब्लीडिंग कम से कम या लगभग न के बराबर होती है
- सर्जरी के बाद चीरा का निशान नहीं बनता है
- इस प्रक्रिया के दौरान या बाद में इंफेक्शन का खतरा कम से कम या नहीं के बराबर होता है
- नैदानिक परीक्षणों के बाद हॉस्पिटल में रुकने की आवश्यकता नहीं होती है
यही कारण है कि लेप्रोस्कोपी सर्जरी को एक प्रभावशाली, सुरक्षित और सफल प्रक्रिया मन जाता है।