एग डोनेशन के सहारे मां बन सकती हैं निःसंतान महिलाएं
किसी भी महिला को प्रेग्नेंट होने के लिए जितना जरूरी स्पर्म होता है उतना ही जरूरी एग्स या अंडाणु भी होते हैं।
एग डोनेशन की प्रक्रिया में एक फर्टाइल महिला दूसरी असमर्थ महिला को अपने एग्स डोनेट करती है। जिसे लैब में शुक्राणुओं के साथ निषेचित करने के बाद महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसके बाद उस महिला के बच्चेदानी में इस भ्रूण का निर्माण होता है।
एग्स डोनेट कौन कर सकता है?
आमतौर पर एक ऐसी महिला जिसकी उम्र 21 साल से 35 साल के बीच है और उसे किसी तरह की बीमारी या समस्या नहीं है को एग डोनेट करने के लिए सही माना जाता है। गाइडलाइन के मुताबिक महिलाओं को एग्स तभी डोनेट करना चाहिए वे सबसे ज्यादा फर्टाइल हों।
क्या है एग डोनेशन की प्रक्रिया?एग डोनेशन की प्रकिया में सबसे पहले जरूरतमंद महिला को डॉक्टर से संपर्क करना होता है। डॉक्टर सभी जरूरी जांच करने के लिए बाद एग डोनेशन की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।
एग डोनेशन की प्रक्रिया में एक सामान्य ऑपरेशन होता है। सरकार की तरफ से एग डोनेशन के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की गयी है जिसके तहत सर्टिफाइड डोनर बैंक से ही बैंक लिया जा सकता है। एग्स को लैब में तैयार करने के बाद दूसरी महिला के गर्भ में डाल दिया जाता है।