उपचार शुरू करवाने से पहले अपनी खानपान की आदतों में करीब 2 महीने पहले बदलाव करें, सामान्य रहें, अगर बाहर का जंकफुड, फास्टफुड खाने की शौकिन हैं तो इसे बंद करना अच्छा रहेगा, घर का बना पोष्टिक आहार लें ।
आईवीएफ प्रक्रिया शुरू होने पर मरीज को करीब 12 से 15 दिन तक सामान्य से अधिक अण्डे विकसित करने के लिए इंजेक्शन लगाये जाते हैं साथ ही कुछ दवाईयां भी दी जाती हैं। इस दौरान डाॅक्टर द्वारा दी गयी सलाह का पालन करें ।
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आईवीएफ प्रक्रिया में अण्डे बनाने, निकालने और भ्रूण प्रत्यारोपण के बाद पूरी तरह बेड रेस्ट की जरूरत नहीं है । घर के छोटे-छोटे काम किये जा सकते हैं । दो सप्ताह बाद प्रेग्नेंसी टैस्ट किया जाता है आमतौर पर गर्भावस्था परीक्षण के लिए रक्त में मौजूद एक हार्मोन का स्तर देखा जाता है जो प्रेग्नेंसी को सुनिश्चित करता है।
- समय पर लें दवाईयां - संभोग से बचें - भारी सामान नहीं उठाएं - नहाने से नुकसान नहीं - हैवी एक्सारसाईज न करें
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- ऐसे खानपान से दूर रहें जिनके उत्पादन में कीटनाशकों का इस्तेमाल होता हो। - एसिडिटी करने वाले आहार नहीं लें - आईवीएफ प्रक्रिया के बाद केवल खिचड़ी या दलिया खाना आवश्यक नहीं है, सामान्य भोजन किया जा सकता है, ज्यादा तीखा व एसिडिटी करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करें। - ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ लें ।
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- सफेद ब्रेड के बजाए ब्राउन ब्रेड को खाना आपके लिए अधिक फायदेमंद रहेग। - फली, बादाम और बीज को भोजन में शामिल करें । - पानी ज्यादा पीएं ।
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जिन दम्पतियों को पहली बार असफलता मिली है उन्हें दूसरी बार कोशिश करने से पहले आईवीएफ फेल होने के कारणों को बारिकी से जानना चाहिए। अगर महिला आईवीएफ के बाद इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखें तो आईवीएफ सफल होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।